Friday, 2 January 2015

Jhaadu ka Safar

a journey of broom by a different angle

झाड़ू का सफर(Sweep of the broom)

झाड़ू का नाम लेते ही हमें सफाई का ध्यान आने लगता है. मनुष्य को आरम्भ से ही सफाई पसंद है, इसलिए उसने झाड़ू का अविष्कार किया. यह एक ऐसा यन्त्र है जो सफाई करने के काम आता है. बांस की तीलियों को इकट्ठा कर बांधकर बनाया गया झाड़ू एकता का प्रतीक माना गया है. मैं आपको इस झाड़ू के सफर से अवगत कराना चाहता हूँ. यह यन्त्र शुरू से ही समाज में कई चमत्कार करता रहा है. सफाई करते-करते यह झाड़ू विदेशी जादूगर "हैरी पॉटर" का वाहन भी बना और समाज से बुराई का सफाया किया. फिर इस झाड़ू ने घर से निकलकर राजनीति में कदम रखा और "केजरीवाल जी" के हाथों में आया, उन्होंने समाज में फैली भ्रष्टाचार की गन्दगी को साफ करने के लिए अपना चुनाव चिन्ह ही झाड़ू को बनाया, और समाज में फैली बुराई को साफ़ करने का प्रयत्न किया, किन्तु वह झाड़ू उनके हाथों से फिसलकर "मोदी जी" के हाथों में आ गया और उन्होंने भी भारत में सफाई अभियान के लिए इस शस्त्र का उपयोग किया. बड़ी-बड़ी हस्तियों ने सफाई के इस कार्य में योगदान दिया है. अब देखना यह है कि यह झाड़ू अब अपनी शक्ति से क्या चमत्कार दिखलायेगा और भारत को स्वछ करेगा या केवल "सेल्फियां" खिंचवाकर फेसबुक की ही शान बढ़ाएगा.                      

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